“हिन्द दी चादर” नाटक के मंचन में बोले मुख्यमंत्री धामी – गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान मानवता की अमर गाथा है

देहरादून, गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य नाट्य मंचन ‘हिन्द दी चादर’ के कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लिया। यह ऐतिहासिक आयोजन उत्तराखंड सिख कोऑर्डिनेशन कमेटी एवं श्री गुरु तेग बहादुर चैरिटेबल चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में दून मेडिकल कॉलेज परिसर, पटेलनगर, देहरादून में किया गया।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं, कलाकारों एवं आयोजकों को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का जीवन और बलिदान देश की संस्कृति, धर्म और मानवता की रक्षा की प्रेरणादायक मिसाल है। उन्होंने कहा कि गुरुजी ने एक ऐसे दौर में अपने प्राणों की आहुति दी, जब देश की आस्था, संस्कृति और आत्मसम्मान पर गंभीर संकट मंडरा रहा था। उनके अद्वितीय बलिदान को ‘हिन्द की चादर’ कहे जाने का गौरव इसलिए प्राप्त हुआ क्योंकि उन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्ष परंपरा को बचाने हेतु सर्वोच्च बलिदान दिया।

मुख्य बिंदु:

  • गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष पर नाट्य मंचन

  • मुख्यमंत्री ने बलिदान को बताया प्रेरणा का अमिट स्रोत

  • प्रधानमंत्री मोदी के निर्णयों को बताया ऐतिहासिक

  • हेमकुंड रोपवे योजना का कार्य प्रगति पर

  • राज्यभर में बलिदान दिवस को भव्य रूप से मनाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा, “श्री गुरु तेग बहादुर जी का साहस, उनका बलिदान और उनका संदेश आज के युग में भी उतना ही प्रासंगिक है। वे हमें यह सिखाते हैं कि जब धर्म, समाज या मानवता पर संकट हो, तो चुप नहीं रहना चाहिए।”

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार सिख समाज के गौरव और विरासत की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। करतारपुर कॉरिडोर का खुलना, श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए की मान्यता देना, ‘वीर बाल दिवस’ की घोषणा और 1984 दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे कदम इसी दिशा में मील के पत्थर हैं।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड सरकार की ओर से भी सिख समुदाय के धार्मिक स्थलों और श्रद्धास्थलों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक प्रस्तावित 12.5 किलोमीटर लंबा रोपवे श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तेज़ी से निर्माणाधीन है, जिससे यात्रा का समय घटकर केवल 45 मिनट रह जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को पूरे राज्य में भव्य तरीके से मनाने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि हमारी ऐतिहासिक विरासत को अगली पीढ़ियों तक पहुँचाने का प्रयास है।

कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नाटक ‘हिन्द दी चादर’ केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि एक जीवंत प्रेरणा है जो युवाओं को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ती है। उन्होंने कलाकारों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जिस समर्पण से यह मंचन प्रस्तुत किया, वह अत्यंत सराहनीय और प्रेरक है।

इस अवसर पर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा, विधायक श्री विनोद चमोली, आयोजन समिति के प्रमुख श्री गुरुदेव सिंह सहित अनेक गणमान्य अतिथि, सिख समाज के प्रतिनिधि, कलाकार, चिकित्सकगण, एवं आम नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और उन्हें गुरु तेग बहादुर जी के स्मृति चिह्न भेंट किए।

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