चारधाम यात्रा 2025: श्रद्धालुओं में 12% की कमी के बावजूद यमुनोत्री धाम के दानपात्र में रिकॉर्ड चढ़ावा, एक माह में 23 लाख से अधिक की आय
उत्तराखंड की प्रतिष्ठित चारधाम यात्रा इस वर्ष बेहतर और सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो रही है। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए यात्रा प्रबंधन की सराहना हो रही है। इसी क्रम में यमुनोत्री धाम में मंदिर समिति की आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है।
यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की आस्था और बढ़ा चढ़ावा
चारधाम यात्रा के पहले प्रमुख तीर्थ स्थल यमुनोत्री में पिछले एक माह के भीतर करीब 3.29 लाख श्रद्धालुओं ने यमुना नदी के तप्त कुंड में स्नान किया और मां यमुना की पूजा-अर्चना की। इस दौरान मंदिर समिति को दान पात्रों और रसीद बुक्स के माध्यम से ₹23 लाख से अधिक की आय हुई है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष और एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी ने जानकारी दी कि बेहतर प्रबंधन और यात्रा के सुव्यवस्थित संचालन के चलते श्रद्धालुओं की आस्था और भागीदारी में मजबूती आई है, जिससे समिति की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है।
श्रद्धालुओं की संख्या में आई 12 प्रतिशत की गिरावट
हालांकि, एसडीसी फाउंडेशन द्वारा जारी किए गए दो वर्षों के तुलनात्मक विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि 2025 की यात्रा के पहले महीने में श्रद्धालुओं की संख्या में 12% की गिरावट दर्ज की गई है।
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वर्ष 2024 में जहां 19,56,269 तीर्थयात्री पहुंचे थे, वहीं 2025 में यह संख्या घटकर 17,17,619 रह गई।
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यह 2,38,650 तीर्थयात्रियों की कमी को दर्शाता है।
धामवार यात्रियों की संख्या में गिरावट का विश्लेषण
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केदारनाथ: 2024 में 7,48,348 की तुलना में 2025 में 6,49,161 श्रद्धालु पहुंचे – 13% की गिरावट
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बदरीनाथ: 2024 में 4,72,065 के मुकाबले 2025 में 4,57,409 – 3% की गिरावट
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यमुनोत्री: 2024 में 3,46,545 श्रद्धालुओं की तुलना में 2025 में 3,02,713 – 11% की गिरावट
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गंगोत्री: 2024 में 3,39,892 के मुकाबले 2025 में 2,93,228 – 14% की गिरावट