चारधाम संयुक्त संरक्षण समिति ने पीएम मोदी और अमित शाह से की मुलाकात, यात्रा व्यवस्थाओं पर हुई चर्चा

नई दिल्ली: चारधाम संयुक्त संरक्षण समिति के प्रतिनिधियों ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को चारधाम यात्रा के आयोजन में सहयोग की अपील करते हुए यात्रा व्यवस्थाओं पर गहरी चर्चा की। साथ ही, उन्होंने चारधाम यात्रा के महत्व को उजागर करते हुए कपाटोद्धाटन के मौके पर आमंत्रित किया।

समिति के प्रतिनिधियों में तीर्थ पुरोहित, होटल व्यवसायी और अन्य स्थानीय लोग शामिल थे, जिनकी अध्यक्षता गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने की। इस बैठक के दौरान, तीर्थ पुरोहितों ने पीएम मोदी और अमित शाह को गंगाजल, बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद और ब्रहमकमल भेंट किया।

 

यात्रा व्यवस्थाओं पर चर्चा:

समिति के सदस्यों ने पीएम मोदी से शीतकालीन यात्रा और चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने बताया कि यात्रा के दौरान रूटों पर होने वाले भूस्खलन और अन्य समस्याओं का जिक्र करते हुए, उन्होंने इन समस्याओं को सुलझाने की आवश्यकता जताई। समिति के सदस्योंने हाईवे पर प्रशासनिक सुधारों और बेहतर सुरक्षा व्यवस्थाओं की मांग की।

 

लोकल उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान ‘लोकल फॉर वोकल’ का समर्थन करते हुए, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय उद्योगों के विकास के लिए इस पहल को लागू किया जाए ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिल सके।

 

गृह मंत्री का आश्वासन:

गृह मंत्री अमित शाह ने भी चारधाम यात्रा और क्षेत्र में आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की स्थिति सुधारने का आश्वासन दिया। इस पर समिति के सदस्यों ने खुशी जताई और व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

 

काशी विश्वनाथ के मॉडल पर चारधाम का विकास:

समिति ने पीएम मोदी से वाराणसी की तर्ज पर बाबा काशी विश्वनाथ की कलयुग की काशी के विकास की भी मांग की, ताकि चारधाम में भी श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिल सके।

 

समिति के प्रमुख सदस्य, जैसे पं. अशोक सेमवाल, महंत अजय पुरी, पवन उनियाल, लक्ष्मीनारायण जुगडान, और अभिषेक आहलूवालिया ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।

 

यह बैठक चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं और तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण

कदम साबित हुई है।

 

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