चमोली: गोपेश्वर निजी स्कूल के शिक्षक ने की नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़, पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार

चमोली जिले के गोपेश्वर नगर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाला मामला प्रकाश में आया है। जिला मुख्यालय स्थित एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल के शिक्षक पर उसी स्कूल में पढ़ने वाली 11 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगा है। पीड़िता के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है।

घटना का विवरण

चमेली गोपेश्वर के एक नामी प्राइवेट स्कूल में कार्यरत शिक्षक पर नाबालिग छात्रा ने छेड़छाड़, गलत तरीके से छूने और अश्लील बातें करने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। पीड़िता के परिजनों ने इस संबंध में गोपेश्वर थाने में लिखित तहरीर दी, जिसमें शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी के साथ यह घिनौना कृत्य स्कूल परिसर में ही हुआ, जिसने शिक्षक जैसे सम्मानित पद की गरिमा को धूमिल कर दिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

शिकायत मिलते ही चमोली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत हरकत में आई। गोपेश्वर थाने में प्राप्त तहरीर के आधार पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज) अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया। मामले की जांच उपनिरीक्षक शिखा तेग्रवाल को सौंपी गई है। थानाध्यक्ष विनोद चौरसिया ने बताया कि शिकायत के बाद देर शाम को ही आरोपी को हिरासत में ले लिया गया था। वर्तमान में पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी है और आरोपी को जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।

चमोली जिले में शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों के मन पर गहरा असर डालती हैं, बल्कि अभिभावकों के विश्वास को भी तोड़ती हैं। पीड़िता के परिजनों और समुदाय के अन्य लोगों ने मांग की है कि दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

आगे की कार्रवाई

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है। पीड़िता की मेडिकल जांच और बयान दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। साथ ही, स्कूल प्रशासन से भी इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है। यह घटना नाबालिगों की सुरक्षा और शिक्षण संस्थानों में बच्चों के संरक्षण को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठा रही है।

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