उत्तराखंड में संपत्ति की खरीद-बिक्री होगी महंगी, सर्किल रेट में औसतन 26% तक बढ़ोतरी की तैयारी

उत्तराखंड सरकार जल्द ही राज्यभर में संपत्ति लेन-देन के लिए संशोधित सर्किल दरों (Circle Rates) की घोषणा करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस बार सर्किल रेट में औसतन 26% तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। वित्त विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और अब उच्चस्तरीय अनुमोदन का इंतजार किया जा रहा है।

दो साल बाद हो रहा सर्किल रेट में संशोधन

वर्तमान नियमों के तहत हर वर्ष सर्किल दरों को संशोधित किया जाना चाहिए, लेकिन पिछले दो वर्षों से कोई बदलाव नहीं हुआ। वित्त विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष से ही नई दरों को तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
इस दौरान जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए, कई दौर की चर्चाएं हुईं, लेकिन विधानसभा उपचुनाव और निकाय चुनावों जैसे राजनीतिक कारणों से प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

अब विभाग पूरी तरह तैयार है और अनुमति मिलते ही दरों की घोषणा कर दी जाएगी।

किस आधार पर बढ़ाई जाएंगी सर्किल दरें?

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, औसतन हर साल GDP के हिसाब से 8% वृद्धि सामान्य मानी जाती है। चूंकि दो सालों से दरें नहीं बदली हैं, इस हिसाब से यह 16% तक हो जाती है।
साथ ही, महंगाई दर को जोड़कर (5% वार्षिक के अनुसार) दो साल में 10% अतिरिक्त वृद्धि का आधार बनता है।
इस तरह कुल मिलाकर औसतन 26% तक की वृद्धि प्रस्तावित है।

किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा असर?

  • तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में जहां डबल लेन, फोर लेन परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं या निर्माणाधीन हैं, वहां सर्किल दरों में अधिक बढ़ोतरी की संभावना है।

  • वहीं, पहले से विकसित इलाकों में दरों में मामूली वृद्धि हो सकती है।

  • नए शहरों और कस्बों में जमीन की कीमतों में अधिक इजाफा देखा जा सकता है।

आम जनता पर असर

सर्किल दर बढ़ने का मतलब है कि रजिस्ट्री शुल्क, स्टांप ड्यूटी और टैक्स भी बढ़ जाएंगे। इससे संपत्ति की कुल लागत बढ़ेगी और खरीदारों को अधिक भुगतान करना पड़ेगा।

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