चारधाम यात्रा से पहले बीकेटीसी अध्यक्ष पद की सीट खाली, कैसे होगी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी?
30 अप्रैल से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा, बीकेटीसी में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से व्यवस्थाओं पर सवाल
देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 30 अप्रैल से शुरू हो रही चारधाम यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, लेकिन बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) में अध्यक्ष की कुर्सी अभी भी खाली पड़ी है। यह स्थिति सरकार के लिए एक चुनौती बन सकती है, क्योंकि बीकेटीसी ही चारधाम यात्रा के दौरान व्यवस्थाओं का समन्वय करने और संचालन का प्रमुख जिम्मेदार होता है।
हाल ही में धामी सरकार ने प्रदेश भर में विभिन्न दायित्वों का वितरण किया, लेकिन बीकेटीसी अध्यक्ष पद की नियुक्ति अभी तक नहीं की गई है। बीते जनवरी में अजेंद्र अजय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से यह पद रिक्त है। इस पर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे यात्रा की तैयारियों में संभावित व्यवधान की आशंका जताई जा रही है।
बीकेटीसी का महत्व
बीकेटीसी का मुख्य कार्य बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिरों की धार्मिक और पर्यटन व्यवस्थाओं की देखभाल करना है। इसके अलावा, यात्रा की व्यवस्थाओं के लिए नियमों का पालन, बजट की व्यवस्था और पंडा पुरोहितों के साथ समन्वय स्थापित करना भी इसकी जिम्मेदारी है। यह समिति सरकार और धार्मिक संस्थाओं के बीच एक महत्वपूर्ण पुल का काम करती है, खासकर यात्रा के दौरान।
बीकेटीसी अध्यक्ष का न होना एक चिंता
बीकेटीसी अध्यक्ष की नियुक्ति का इंतजार यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पद यात्रा के दौरान तमाम व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण और समन्वय करता है। बिना अध्यक्ष के यह काम प्रभावित हो सकता है, जिससे यात्रा के सफल संचालन पर सवाल खड़े हो सकते हैं। फिलहाल सरकार ने इस पर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए हैं, जबकि चारधाम यात्रा के मद्देनजर समय की कमी महसूस की जा रही है।