केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर संचालकों की मनमानी: ओवर रेट वसूली और अभद्रता के आरोप, प्रशासन सख्त

केदारनाथ धाम की तीर्थयात्रा जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ रही है, वैसे-वैसे घोड़ा-खच्चर संचालकों की शिकायतें भी बढ़ने लगी हैं। आरोप हैं कि ये संचालक यात्रियों से तय दर से अधिक किराया वसूल रहे हैं और विरोध करने पर अभद्रता पर उतर आते हैं। प्रशासन ने इस पर सख्ती बरतते हुए चेतावनी दी है कि यदि कोई संचालक ओवर रेट वसूलते या बदसलूकी करते पाया गया, तो उसका लाइसेंस रद्द कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

वर्तमान में केदारनाथ पैदल मार्ग पर चार हजार से अधिक घोड़े-खच्चर चल रहे हैं, जिससे मार्ग पर जाम की स्थिति बन रही है और अन्य यात्रियों को असुविधा हो रही है। पशुपालन विभाग ने म्यूल टास्क फोर्स का गठन किया है, जो जगह-जगह तैनात होकर संचालन की निगरानी कर रही है। एक वायरल वीडियो में गौरीकुंड प्रीपेड काउंटर पर घोड़ा-खच्चर संचालकों को म्यूल टास्क फोर्स के साथ अभद्रता करते देखा गया, जिससे मामला और गर्मा गया।

 

प्रशासन ने संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे निर्धारित ₹3500 किराया ही लें, बीमार पशुओं का समय पर इलाज कराएं, और किसी भी प्रकार की बदसलूकी या पशु क्रूरता से बचें।

 

इस बीच, यात्रा को लेकर भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक 14 दिनों में तीन लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। टोकन सिस्टम से दर्शन व्यवस्था बेहतर हुई है और मौसम भी अनुकूल बना हुआ है। भक्त सरकार और प्रशासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं से संतुष्ट नजर आ

रहे हैं।

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