हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क हो गई है। फैसले से पहले पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। बनभूलपुरा के हर प्रवेश मार्ग पर कड़ी निगरानी की जा रही है और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है। मंगलवार देर रात से ही इलाके में बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है और स्थानीय निवासियों को भी केवल पहचान पत्र दिखाने पर ही भीतर जाने की अनुमति मिल रही है। ट्रैफिक को डायवर्ट कर मुख्य मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को पहले ही नियंत्रित किया जा सके।
दो दिसंबर को निर्धारित सुनवाई समयाभाव के कारण टल गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर की तारीख तय की। इस अहम सुनवाई में दोपहर बाद केस सुना जाएगा और याचिकाकर्ताओं के साथ क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी दिल्ली पहुंच गए हैं। पूरे प्रदेश की नजर उस फैसले पर टिकी है, जिससे सीधे तौर पर 4365 मकानों में रहने वाले हजारों लोगों का भविष्य प्रभावित होता है। पिछले वर्ष अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन इस बार किसी भी तरह की स्थिति से निपटने को तैयार है। उच्च अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था को अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखते हुए पूरी व्यवस्था की कमान अपने हाथों में ले ली है।
रेलवे ने गफूर बस्ती, इंदिरा नगर, नई बस्ती और पटरी के निकट के क्षेत्रों में करीब 29 हेक्टेयर भूमि को अपनी संपत्ति बताते हुए दावा किया है कि इन इलाकों में लंबे समय से अवैध निर्माण चल रहा है। वहीं स्थानीय निवासी यह कहते आए हैं कि वे यहां 40–50 वर्षों से रह रहे हैं और सभी सुविधाएं भी यहां उपलब्ध कराई जाती रही हैं। 2022 में हल्द्वानी के निवासी रविशंकर जोशी द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने का आदेश दिया था, जिसके बाद क्षेत्रीय लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही आगे की दिशा तय करेगा।
सुनवाई से पहले माहौल तनावपूर्ण न हो, इसके लिए पुलिस ने कई कदम उठाए हैं। बिलाली मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद आसिम सहित बीस लोगों को निजी मुचलके पर पाबंद किया गया है। पुलिस का तर्क है कि उनकी आमजन में पकड़ है और गलत संदेश से भीड़ इकट्ठी हो सकती है। इससे पहले एक दिसंबर को भी 121 लोगों को पाबंद किया गया था और मंगलवार को पुलिस ने 15 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पिछले वर्ष हुई हिंसा के आरोपी भी शामिल हैं। पुलिस कंट्रोल रूम से सीसीटीवी के जरिए इलाके की लगातार निगरानी की जा रही है और खुफिया इकाइयाँ भी सक्रिय होकर हर जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचा रही हैं।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बुधवार को बनभूलपुरा क्षेत्र के सभी सरकारी, अशासकीय और निजी स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। बसों से अन्य क्षेत्रों के स्कूलों में जाने वाले बच्चों को भी अवकाश दिया गया है क्योंकि ट्रैफिक डायवर्ट होने से उनकी आवाजाही प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को भी एक दिन के लिए बंद कर दिया गया है ताकि खिलाड़ियों की सुरक्षा पर कोई जोखिम न हो।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए करीब 800 पुलिसकर्मी, तीन एएसपी, चार सीओ, बारह थाना प्रभारियों समेत 400 से अधिक कांस्टेबल तैनात किए गए हैं। पीएसी की तीन कंपनियाँ, फायर यूनिट, टियर गैस टीम और ड्रोन निगरानी सिस्टम लगातार सक्रिय रहेंगे। प्रदर्शन, भीड़ या किसी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए फोर्स ने मंगलवार को संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया।
बुधवार सुबह छह बजे से बिना लोकल पहचान पत्र के बनभूलपुरा क्षेत्र में किसी को भी प्रवेश नहीं मिलेगा। रेलवे बाईपास वाले मार्ग बंद रहेंगे और शहर के बाहर से आने वाला सारा ट्रैफिक तीनपानी से गौला बाईपास के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा।
जैसे-जैसे सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का समय नजदीक आ रहा है, क्षेत्र में तनाव और उत्सुकता दोनों बढ़ रहे हैं। यह फैसला न केवल भूमि विवाद बल्कि हजारों परिवारों के अस्तित्व, सुरक्षा और भविष्य का निर्धारण भी करेगा। प्रशासन, पुलिस और खुफिया तंत्र पूरी तरह तैयार हैं कि कानून व्यवस्था बनी रहे और किसी तरह का भ्रम या अफवाह फैलने न पाए।