मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया, माना गांव में हिमस्खलन की घटना की ली जानकारी
देहरादून:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (State Emergency Operations Centre) का दौरा किया और माना गांव में आज सुबह हुई हिमस्खलन (Avalanche) की घटना की जानकारी ली। इस हादसे में कई मजदूर दब गए हैं और राज्य सरकार ने इस दुर्घटना से निपटने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है।
घटना का विवरण:
सुबह के समय, माना गांव के पास एक हिमस्खलन हुआ जिसमें 57 मजदूर दब गए थे। हिमस्खलन के कारण वहां पर करीब 7 फीट तक बर्फ जमा हो गई है। घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है और इस ऑपरेशन में आईटीबीपी, बीआरओ (BRO) और अन्य बचाव दलों द्वारा राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है।
रेस्क्यू अभियान की स्थिति:
अब तक रेस्क्यू किए गए मजदूरों में से 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। गंभीर घायलों को इलाज के लिए शीघ्र अस्पताल भेजने की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रख दिया है। इसके अलावा, जोशीमठ और ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल को भी अलर्ट पर रखा गया है और हेली एंबुलेंस की मदद से घायल मजदूरों को तत्काल उपचार के लिए भेजने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री का निर्देश:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत दुःखद है और किसी भी परिस्थिति में सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “भगवान बदरी विशाल से मैं प्रार्थना करता हूं कि हमारे सभी श्रमिक भाई सुरक्षित वापस लौटें।”
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे दल:
इस राहत कार्य में आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police), बीआरओ (Border Roads Organisation) और स्थानीय प्रशासन के कर्मचारी जुटे हुए हैं। सेना, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी संगठन भी इस ऑपरेशन में सहायता कर रहे हैं ताकि सभी दबे हुए मजदूरों को शीघ्र बाहर निकाला जा सके।
मुख्यमंत्री की स्थिति पर नजर:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार इस संकट के समय में प्रभावित परिवारों के साथ है और हर संभव मदद की जाएगी।
माना गांव के पास हुआ यह हिमस्खलन एक गंभीर दुर्घटना है जिसमें कई मजदूरों की जान खतरे में है। राज्य सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन को प्रभावी रूप से चलाने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार की पूरी टीम और बचाव दल दिन-रात इस मिशन में जुटे हुए हैं ताकि सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा सके।