काशी हिन्दी विद्यापीठ से शिक्षक और कवि नन्दन राणा “नवल” को विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान से सम्मानित
वाराणसी – काशी हिन्दी विद्यापीठ, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान समारोह में जनपद रुद्रप्रयाग के चन्द्रनगर के शिक्षक और कवि नन्दन राणा “नवल” को विद्या वाचस्पति सारस्वत (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया। यह समारोह अयोध्या धाम में सम्पन्न हुआ, जहां देश-विदेश से विभिन्न प्रांतों के प्रमुख साहित्यकारों, विद्वानों और विशिष्ट व्यक्तित्वों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
समारोह में काशी हिन्दी विद्यापीठ के उप कुलपति डॉ. ओमप्रकाश पाण्डेय “निर्भय”, कुलाधिपति सुखमंगल सिंह “मंगल”, कुलसचिव डॉ. इन्द्रजीत तिवारी, और मुख्य अतिथि के रूप में डिप्टी कमिश्नर अयोध्या अजय कान्त सैनी (I.A.S.) ने अपनी उपस्थिति दी। इसके अलावा, अन्य प्रमुख अतिथियों में डॉ. शिवप्रकाश ‘साहित्य’, कहानिका हिंदी पत्रिका की महिला कल्याण समिति की संयोजक डॉ. श्यामकुंवर भारती, दुबई से आए जयकृष्ण मिश्रा, अबूधाबी से आए सत्येंद्र नाथ शाह, ललिता मिश्रा, डॉ. सरला अवस्थी और कई अन्य गणमान्य व्यक्तित्व भी मौजूद थे।
इस भव्य सम्मान समारोह में उत्तराखंड के पांच प्रमुख साहित्यकारों को विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया। इनमें रुद्रप्रयाग के चन्द्रनगर निवासी कवि और शिक्षक नन्दन राणा “नवल” का नाम भी शामिल है। उन्हें साहित्य सेवा, कला, और लोक संस्कृति के क्षेत्र में उनकी असाधारण कार्यों और उपलब्धियों के लिए यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर डॉ. भगत सिंह राणा ‘हिमाद’, श्री बेलीराम कंसवाल, ज्योत्सना जोशी ‘ज्योत’ और संगीता बिष्ट ‘कौमुदी’ को भी मानद उपाधि से नवाजा गया।
समारोह का उद्देश्य शिक्षा, संस्कृति, कला, साहित्यिक और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करना था। काशी हिन्दी विद्यापीठ हर वर्ष इस प्रकार के दीक्षांत समारोह का आयोजन करती है, जो शिक्षा और हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
नन्दन राणा “नवल” का यह सम्मान उनकी साहित्यिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का सम्मान है, जो उनके समर्पण और परिश्रम का प्रतीक है।