उधमसिंहनगर : फर्जी पुलिस अधिकारी ने बेटे को रेप केस में फँसाने का डर दिखाकर महिला से 1.20 लाख ठगे

उधमसिंहनगर जिले में एक महिला के साथ लाखों की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक फर्जी पुलिस अधिकारी ने उसके बेटे को दुष्कर्म मामले में फँसाने का डर दिखाकर 1 लाख 20 हजार रुपये हड़प लिए। पीड़िता ने जब ठगी का एहसास होने पर सच्चाई समझी, तब तक वह तीन किस्तों में बड़ी रकम फर्जी अधिकारियों के बताए बैंक खातों में जमा कर चुकी थी। मामला साइबर सेल तक पहुंचा, जहां तहरीर के आधार पर पुलिस ने अब मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

घटना 29 नवंबर की बताई जा रही है, जब पीड़िता के फोन पर अचानक एक व्हाट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताया और सीधा धमकी भरे लहजे में कहा कि उसका बेटा अश्विन डोगरा एक बड़े रेप केस में फंस गया है। कॉलर ने दावा किया कि एक वकील की बेटी से दुष्कर्म मामले में चार लड़कों को आठ साल की सजा सुनाई जा चुकी है और अश्विन उनका दोस्त होने के कारण इसमें शामिल है। इतना ही नहीं, महिला को भरोसा दिलाने के लिए कॉल पर अश्विन की रोने की आवाज भी सुनाई गई, जिसे सुनकर पीड़िता बुरी तरह घबरा गई।

फर्जी अधिकारी ने कहा कि यदि वह अपने बेटे को जेल जाने से बचाना चाहती हैं, तो तुरंत दो लाख रुपये भेजने होंगे ताकि मामला दबाया जा सके। घबराई हुई महिला ने बिना किसी जांच के जल्दबाजी में अपने परिचित को कहा और सबसे पहले यूको बैंक के एक खाते में 45 हजार रुपये जमा करवाए और फिर 25 हजार रुपये कैश के रूप में दे दिए। इसके तुरंत बाद दूसरा कॉल आया, जिसमें कथित अधिकारी ने कहा कि एसपी साहब मान नहीं रहे हैं और 50 हजार रुपये और चाहिए। महिला ने परिचित के माध्यम से बताए गए खाते में 50 हजार रुपये और जमा करा दिए।

रकम भेजते-भेजते महिला मानसिक रूप से टूट चुकी थी और हर बार कॉल आने पर उसे लग रहा था कि उसका बेटा सचमुच किसी मुसीबत में है। लेकिन जब ठगों की ओर से फिर से अधिक पैसे की मांग शुरू हुई, तब महिला को कुछ संदेह हुआ। उसने जब परिचित को पूरी बात बताई, तो उसे बताया गया कि यह पूरी तरह से साइबर ठगी का मामला है और उसका बेटा सुरक्षित है। इसके बाद महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ बड़ी धोखाधड़ी हो चुकी है।

पीड़िता ने मामले की सूचना साइबर सेल को दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी के अनुसार, कॉल रिकॉर्ड, बैंक खातों और पैसे ट्रांसफर के ट्रेल को खंगाला जा रहा है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि कॉल कहां से किया गया और पैसे किन खातों में गए। शुरुआती जांच में यह मामला एक संगठित साइबर गैंग का प्रतीत हो रहा है, जो घबराहट और बच्चों के नाम पर भावनाओं का फायदा उठाकर लोगों से बड़ी रकम ठगते हैं।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान नंबर से आने वाले कॉल, विशेषकर व्हाट्सऐप कॉल पर पुलिस अधिकारी या सरकारी कर्मचारी बनकर मांगी जाने वाली राशि पर तुरंत विश्वास न करें। जरूरत पड़ने पर तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।

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