देहरादून में निष्क्रिय खातों में फंसे 210 करोड़, बैंक लौटाएंगे तीन माह में ‘आपकी पूंजी-आपका अधिकार’ अभियान से

देहरादून: जिले में 5 लाख निष्क्रिय खातों में करीब 210 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। इन निष्क्रिय खातों में पड़ी धनराशि को उनके असली हकदारों तक पहुंचाने के लिए बैंक तीन महीने का विशेष अभियान चलाने जा रहे हैं। इस अभियान की शुरुआत से पहले खाताधारकों और उनके नामितों को जागरूक करने के लिए 14-15 नवंबर को विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

5 लाख निष्क्रिय खातों में 210 करोड़ फंसे

देहरादून जिले में विभिन्न बैंकों के करीब 5 लाख खाते लंबे समय से निष्क्रिय हैं, जिनमें कुल 210 करोड़ रुपये की राशि बिना दावा किए पड़ी है। अब यह राशि खाताधारकों या उनके वारिसों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग ने देशभर में “आपकी पूंजी आपका अधिकार” नाम से तीन माह का अभियान शुरू किया है। इसका उद्देश्य बैंकों, बीमा कंपनियों, पेंशन फंड्स और म्यूचुअल फंड्स में पड़ी अदावा राशि को उनके असली स्वामियों या दावेदारों तक पहुंचाना है।

देशभर में चलेगा तीन महीने का अभियान

इस जन-जागरूकता अभियान के तहत 14 और 15 नवंबर 2025 को देश के 100 जिलों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन्हीं में से एक कार्यक्रम देहरादून में भी आयोजित होगा।

देहरादून जिले के अग्रणी जिला प्रबंधक संजय भाटिया ने बताया कि यह कार्यक्रम 14 नवंबर 2025 (शुक्रवार) को प्रातः 11 बजे से आइआरडीटी प्रेक्षागृह, सर्वे चौक, देहरादून में आयोजित किया जाएगा।
इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), सेबी (SEBI), इरडा (IRDA), पीएफआरडीए (PFRDA) और विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।

एसएलबीसी और पीएनबी मिलकर करेंगे आयोजन

यह जिला स्तरीय कार्यक्रम स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (SLBC) और जिला अग्रणी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है।

इस दौरान आम नागरिकों को यह जानकारी दी जाएगी कि यदि उनके बैंक खाते, बीमा पॉलिसी, पीएफ या म्यूचुअल फंड में कोई राशि वर्षों से निष्क्रिय पड़ी है, तो वे उसे कानूनी रूप से अपने नाम पर दावा कर सकते हैं।

उद्देश्य: आपकी पूंजी, आपका हक

वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों की मेहनत की कमाई किसी भी कारण से बिना दावे के न पड़ी रहे।
अब बैंक और वित्तीय संस्थान स्वयं आगे आकर लोगों को उनकी पूंजी लौटाने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाएंगे।

देहरादून में होने वाला यह विशेष कार्यक्रम इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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