उत्तराखंड: अनियंत्रित होकर 200 मीटर गहरी खाई में गिरी कार, दो लोगों की दर्दनाक मौत

चंपावत जिले के लोहाघाट में हुआ हादसा, एक गंभीर घायल, इलाके में मातम का माहौल

चंपावत।
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में लगातार हो रहे सड़क हादसों की कड़ी में मंगलवार सुबह एक और दर्दनाक हादसा सामने आया है। चंपावत जिले के लोहाघाट विकासखंड में एक वैगनआर कार अनियंत्रित होकर करीब 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरी, जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया।

यह हादसा मंगलवार सुबह करीब 9 बजे हुआ। मृतकों की पहचान मुकेश कुमार (पुत्र फकीर राम) और मनीषा (पुत्री हजारी राम) के रूप में हुई है, जबकि विक्रम राम (पुत्र सुरेश राम) गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।

कैसे हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, तीनों लोग चंपावत जिले के डूंगरा बोरा गांव के रहने वाले थे और सुबह अपनी वैगनआर कार (UK03 TA 2479) से लोहाघाट की ओर जा रहे थे। रास्ते में डूंगरा बोरा के पास पहुंचते ही कार अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से फिसल गई और गहरी खाई में जा समाई।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, वाहन की रफ्तार सामान्य थी, लेकिन मोड़ पर चालक का नियंत्रण संभवतः ब्रेक फेल या सड़क पर फिसलन के कारण बिगड़ गया। कार के खाई में गिरते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी।

रेस्क्यू टीम और पुलिस ने किया बचाव कार्य

सूचना मिलते ही लोहाघाट पुलिस और राजस्व विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुँची। स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाया गया। टीम ने बड़ी मुश्किल से शवों को खाई से बाहर निकाला और घायल को एम्बुलेंस की मदद से नजदीकी अस्पताल भेजा गया।

घायल विक्रम राम की हालत गंभीर बताई जा रही है और उनका इलाज जारी है। वहीं, मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।

गांव में मातम, परिवारों में कोहराम

इस हादसे की खबर जैसे ही गांव पहुँची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। मृतकों के घरों में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने बताया कि तीनों परिवार एक-दूसरे के बेहद करीब थे और अक्सर साथ यात्रा करते थे। इस दुर्घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।

पुलिस जांच जारी, अनियंत्रण कारण प्रमुख वजह

पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण वाहन का अनियंत्रित होना माना जा रहा है। हालांकि, सटीक कारणों की पुष्टि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के सड़क मार्गों पर लगातार हो रहे हादसों के मद्देनजर सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाएगी।

पर्वतीय मार्गों पर बढ़ रहे हादसे—जरूरत है सतर्कता की

चंपावत, पिथौरागढ़, टिहरी और उत्तरकाशी जैसे पर्वतीय जिलों में सड़क दुर्घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि संकीर्ण सड़कों, बारिश में फिसलन, तीखे मोड़ों और वाहनों की खराब स्थिति जैसे कारण इन हादसों में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

 दर्दनाक हादसे ने छोड़ा सवाल—कब मिलेगी सुरक्षित सड़कें?

चंपावत का यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार और प्रशासन के लिए यह हादसा चेतावनी है कि सुरक्षा प्रबंधन, गार्डरेल्स और सड़क रखरखाव पर और ध्यान देने की जरूरत है।

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