मुख्यमंत्री धामी ने श्रीनगर गढ़वाल में बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले का किया शुभारंभ, कहा—आस्था और विकास दोनों को साथ लेकर चल रही है सरकार

पारंपरिक मेले हमें हमारी जड़ों से जोड़ने का कार्य करते हैं : मुख्यमंत्री

देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को श्रीनगर गढ़वाल में आयोजित बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की समृद्ध लोकसंस्कृति, परंपरा और सामूहिक एकता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “पारंपरिक मेले हमें हमारी जड़ों से जोड़ने का कार्य करते हैं। ये हमारी सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखते हैं और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से परिचित कराते हैं।”

माँ धारी देवी और भगवान कमलेश्वर महादेव—उत्तराखण्ड की आस्था की धरोहरें

मुख्यमंत्री ने श्रीनगर की धार्मिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहाँ स्थित माँ धारी देवी मंदिर और भगवान कमलेश्वर महादेव मंदिर सम्पूर्ण उत्तराखण्ड की अनमोल धरोहर हैं। उन्होंने कहा कि इन मंदिरों के इर्द-गिर्द बसने वाली संस्कृति और परंपरा आज भी पहाड़ की आत्मा को जीवित रखे हुए हैं।

आस्था के साथ विकास—राज्य की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार विकास और विरासत दोनों को समान प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क एवं कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में तेजी से काम हो रहा है।

“हमारी कोशिश है कि विकास का हर कदम हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों को सशक्त करे,” मुख्यमंत्री ने कहा।

केदारनाथ—बद्रीनाथ मास्टर प्लान से लेकर रेल परियोजना तक गति में विकास

मुख्यमंत्री ने बताया कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य तेजी से चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पूर्ण होने के बाद श्रीनगर सहित पूरे गढ़वाल क्षेत्र में यातायात और पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।

श्रीनगर में एक के बाद एक विकास कार्य—धामी का विज़न

मुख्यमंत्री ने श्रीनगर क्षेत्र में चल रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि 4.88 करोड़ रुपये की लागत से रोडवेज बस स्टेशन और पार्किंग का निर्माण किया गया है।
इसके अलावा, अलकनन्दा नदी के किनारे गंगा संस्कृति केंद्र, श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा, तथा 37 करोड़ रुपये से मढ़ी–चौरास–जाखड़ी पंपिंग पेयजल योजना जैसे अनेक कार्य पूरे किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर में नई टाउनशिप की स्थापना, ट्राइडेंट पार्क निर्माण, पुराने कलेक्ट्रेट भवन को हेरिटेज भवन के रूप में विकसित करने और धारी देवी मंदिर पैदल मार्ग के निर्माण जैसे कार्य भी राज्य सरकार की प्राथमिकता में हैं।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रीनगर बनेगा आदर्श नगर

मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रीनगर प्रदेश का शैक्षणिक हब बनकर उभर रहा है। राज्य सरकार यहाँ पैरामेडिकल और नर्सिंग कॉलेज का निर्माण करा रही है, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

इसके साथ ही, बेस अस्पताल श्रीनगर में 25 करोड़ रुपये की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। इससे न केवल पौड़ी, बल्कि चमोली, टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों के मरीजों को भी राहत मिलेगी।

धार्मिक, ऐतिहासिक और शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है श्रीनगर—धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से, बल्कि शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में भी प्रदेश का अग्रणी नगर बन रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य श्रीनगर को “धार्मिक आस्था और आधुनिक सुविधाओं” का आदर्श संगम बनाना है।

जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ कार्यक्रम

कार्यक्रम में मेयर आरती भंडारी, जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया, जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने मेले के आयोजकों और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि “हमारी संस्कृति ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है, जिसे संजोए रखना हम सबका कर्तव्य है।”

संस्कृति और विकास का संगम बना श्रीनगर का मेला

बैकुण्ठ चतुर्दशी मेले का उद्घाटन केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि इसने उत्तराखण्ड के उस विज़न को भी उजागर किया जिसमें आस्था और आधुनिकता एक साथ चल रही है। मुख्यमंत्री धामी का यह संदेश स्पष्ट था — “विकास तभी सार्थक है जब वह हमारी संस्कृति की जड़ों से जुड़ा हो।”

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