उत्तरकाशी (मुखबा): गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहितों ने वर्षों से लंबित मुखबा-जांगला मोटर मार्ग निर्माण की मांग को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। तीर्थपुरोहितों ने ऐलान किया है कि जब तक इस सड़क का निर्माण नहीं होता, वे किसी भी पंचायत चुनाव में भाग नहीं लेंगे। इसी के तहत मुखबा गांव में पंचायत चुनावों के लिए किसी ने भी नामांकन नहीं किया।
गुरुवार को जिलाधिकारी प्रशांत आर्य स्थानीय अधिकारियों के साथ मुखबा गांव पहुँचे और तीर्थपुरोहितों व ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने मोटर मार्ग निर्माण की आवश्यकता को समझते हुए जल्द समाधान का आश्वासन दिया। डीएम ने कहा कि यह मार्ग न केवल स्थानीय जनता के लिए बल्कि चारधाम यात्रा, सांस्कृतिक परंपराओं और सामरिक दृष्टिकोण से भी बेहद जरूरी है।
सांस्कृतिक और सामरिक महत्व तीर्थपुरोहित डॉ. सत्येंद्र सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की उत्सव डोली इसी मार्ग से होकर जाती है, जो वर्तमान में एक कठिन पैदल रास्ता है। सड़क बनने से डोली यात्रा को भव्यता और सुगमता मिल सकेगी। साथ ही, सर्दियों में गंगोत्री हाईवे बर्फ से ढका रहता है, जिससे सेना और अन्य सेवाओं की आवाजाही बाधित होती है। इस वैकल्पिक मार्ग से सामरिक दृष्टिकोण से भी सहायता मिलेगी।
पूर्व सीडीएस बिपिन रावत भी कर चुके हैं पैरवी इस सड़क निर्माण की आवश्यकता को लेकर पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी समर्थन जता चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद ग्रामीणों की वर्षों पुरानी इस मांग को अनसुना किया जा रहा था।
प्रशासन ने दिए आवश्यक निर्देश जिलाधिकारी ने राज्य योजना के तहत हर्षिल-मुखबा-जांगला मोटर मार्ग निर्माण के लिए राज्य सरकार की भूमि को क्षतिपूरक वृक्षारोपण (CA) के लिए चिन्हित करने के आदेश दिए। उन्होंने संबंधित विभागों को जल्द से जल्द परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने और बाधाओं को दूर करने के निर्देश भी दिए।