मुख्यमंत्री “क्लीन एंड ग्रीन कांवड़ यात्रा 2025: उत्तराखंड में हाईटेक व्यवस्थाएं, सुरक्षा-स्वास्थ्य-सुविधा पर विशेष फोकस”

मुख्यमंत्री ने कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा, ‘उत्तराखंड कांवड़ सेवा ऐप’ बनाने के निर्देश, क्लीन और ग्रीन यात्रा का संदेश देने पर जोर

हरिद्वार, 
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मेला नियंत्रण भवन, हरिद्वार में कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को यात्रा की सुरक्षा, स्वच्छता, सुविधा और समन्वय व्यवस्था को लेकर निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने “क्लीन एंड ग्रीन कांवड़ यात्रा” के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने और इस यात्रा को आगामी कुंभ मेला 2028 का ट्रायल मानते हुए तैयारी करने को कहा।

डिजिटल क्रांति: ‘उत्तराखंड कांवड़ सेवा ऐप’ की घोषणा

मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा को तकनीकी रूप से अधिक सुरक्षित, संगठित और पारदर्शी बनाने के लिए ‘उत्तराखंड कांवड़ सेवा ऐप’ तैयार करने के निर्देश दिए। यह ऐप कांवड़ियों के पंजीकरण, मार्गदर्शन, मेडिकल सहायता, आपातकालीन संपर्क, और अन्य सुविधाओं की जानकारी प्रदान करेगा। इस ऐप का उपयोग हर वर्ष यात्रा के दौरान किया जा सकेगा।


अंतरराज्यीय समन्वय और रियल टाइम डेटा शेयरिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री आते हैं। ऐसे में संबंधित राज्यों के प्रशासन से रियल टाइम डाटा शेयरिंग और सुरक्षा समन्वय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी आवश्यक इनपुट्स साझा कर एक मजबूत सुरक्षा कवच बनाया जाए।


यात्रा मार्ग पर अतिक्रमण और ओवर रेटिंग पर सख्ती

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कांवड़ मार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो और यात्रा से पूर्व सभी अतिक्रमण हटाए जाएं। ढाबों, होटलों में फूड लाइसेंस, रेट लिस्ट, मालिकों के नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किए जाएं। ओवर रेटिंग की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई हो। मीट और शराब से संबंधित एसओपी का भी सख्ती से पालन कराया जाए।


स्वच्छता और स्वास्थ्य पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि स्वच्छता इस बार यात्रा की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके तहत:

  • हर घंटे सफाई अभियान।

  • हर 1-2 किमी पर मोबाइल टॉयलेट और कूड़ा निस्तारण गाड़ियाँ।

  • हर 2-3 किमी पर स्वास्थ्य केंद्र, एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता।

  • हेल्पलाइन नंबर जारी कर जनसुविधा सुनिश्चित करना।


रैन बसेरा, टेंट सिटी और जल की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्थानीय निकायों के सहयोग से रैन बसेरे, टेंट सिटी और आश्रय स्थल बनाए जाएं। साथ ही आरओ टैंकर और वॉटर एटीएम की व्यवस्था हो।


ट्रैफिक प्लान और निगरानी तंत्र

कांवड़ यात्रा के लिए जीआईएस आधारित ट्रैफिक प्लान और एआई आधारित ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किए जाएंगे।

  • संवेदनशील घाटों पर एनाउंसमेंट सिस्टम मजबूत किया जाएगा।

  • ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी सुनिश्चित होगी।

  • एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती के साथ भूस्खलन पूर्व चेतावनी प्रणाली भी सक्रिय रहेगी।


अफवाहों और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग पर सख्ती

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही ‘क्या करें, क्या न करें’ की जानकारी यात्रा मार्गों पर जगह-जगह प्रदर्शित की जाएगी।


यात्रा अवधि और व्यवस्थाएं

जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि इस वर्ष कांवड़ यात्रा 11 से 23 जुलाई तक आयोजित की जाएगी। मेला क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टरों में विभाजित किया गया है।
चारधाम यात्रियों, स्थानीय नागरिकों और कांवड़ यात्रियों के लिए अलग-अलग ट्रैफिक व्यवस्थाएं लागू की गई हैं।


उपस्थित रहे प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारी

इस बैठक में राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी, विधायक मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, ममता राकेश, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मेयर किरण जेसल, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश झा, पंकज पांडेय, विनोद सुमन, विनय शंकर पांडे, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, राज्य आपदा प्रबंधन उपाध्यक्ष विनय रूहेला समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।


कांवड़ मेला-2025 न केवल एक धार्मिक यात्रा, बल्कि राज्य की प्रशासनिक, तकनीकी और सामाजिक व्यवस्थाओं की परख भी होगा। उत्तराखंड सरकार का उद्देश्य है कि यह यात्रा स्वच्छ, सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधा युक्त बने — ताकि हरिद्वार की धरती पर आने वाला हर श्रद्धालु अपने अनुभव को जीवन भर संजो सके।

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